इश्क का मांझी November 27, 2021 by mohitbhati401पता नहीं तेरे इश्क में और कितनी ठोकरें खानी पड़ेगी लेकिन हम भी तेरे इश्क के पक्के मांझी हैं जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगेकामयाबी ना हाथों की लकीरों से मिलती है ना माथे के पसीने से मिलती है। कामयाबी तो सिर्फ दोनो के संगम से मिलती है