दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान जल्द ही भारत में शुरू होने वाला है। 16 जनवरी से भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने जा रहा है इसकी घोषणा आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की।
Speaking at the interaction with CMs on vaccination rollout. |
Hon’ble Prime Minister |
आज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर के विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री जी ने दावा किया कि पूरी दुनिया कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर के भारत से बड़ी उम्मीद लगाए बैठी है. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ गई है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में होगा सबसे बड़ा टीकाकरण, दुनिया को हम से बड़ी आस है. मोदी जी ने कहा कि अगर पूरी दुनिया को हम पर इतना बड़ा विश्वास है तो इसमें प्रवासी भारतीयों जो विदेश में रहकर के काम कर रहे हैं उनका भी बड़ा हाथ है। जिन्होंने हिंदुस्तान की मिट्टी से दूर विदेशो में रहकर भी अपनी संस्कृति और सभ्यता को नहीं छोड़ा और विदेशों में भी उसका प्रचार किया। इससे यूरोपीय देशों का भारत के प्रति सम्मान और विश्वास और अधिक गहरा हो गया।
Couldn’t agree more. They have always risen to the occasion and worked towards India’s progress. https://t.co/UCo4rXv3Fo
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2021
उन्होंने कहा कि कोविड 19 की वैक्सीन को लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों से उनकी चर्चा हुई है और कुछ राज्यों से अच्छे सुझाव भी मिले हैं जिन्हें अमल में लाया जाएगा। मोदी जी ने कहा कि कोरोनावायरस की इस लड़ाई में केंद्र और राज्य के बीच बेहतर तालमेल ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. एक तरीके से हमने पूरी दुनिया को federalism का परिचय दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों वैक्सीन मेड इन इंडिया है जिन्हें देश के वैज्ञानिकों ने कठिन परिश्रम और कोरोना जैसे खतरनाक वायरस के बारे में गहन रिसर्च करके तैयार किया है इसके लिए देश के वैज्ञानिकों का बहुत-बहुत आभार। मोदी जी ने यह भी बताया कि चार और वैक्सीन जल्द ही बनकर तैयार हो जाएंगी । इसी बीच मोदी जी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को याद किया और उन्हें अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि मुझे संतोष है कि महामारी के इस दौर में हम सभी ने एकजुट होकर काम किया और जो सीख लाल बहादुर शास्त्री जी ने हमें दी थी हमने उसी पर चलने का प्रयास किया । शास्त्री जी ने 1965 में अपने एक भाषण में कहा था कि ” सरकार का कार्य ऐसी प्रक्रिया को विकसित करना है जिससे समाज एकजुट होकर कार्य करें जिससे कि हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें ” लाल बहादुर शास्त्री जी ने एकता में अखंडता की सीख भारत देश को दी थी और यही कारण है कि ऐसी महामारी के दौर में भी हम इस सीख पर चलें और देशवासियों ने एकजुट होकर इस खतरनाक महामारी का सामना किया। यही कारण है कि भारत में कोरोना का संक्रमण वैसा नहीं फैला जैसा कि हमने दुनिया के तमाम देशों में देखा। जो घबराहट और चिंता 7 – 8 महीने पहले देशवासियों में थी वह अब नहीं है। अब देशवासी कोरोना के भय से बाहर निकल चुके हैं। यह अच्छी बात है लेकिन हमें डर है कि कहीं अब देशवासी कोरोनावायरस को लेकर लापरवाह ना हो जाए क्योंकि इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। दोनों वैक्सीन का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा और चार वैक्सीन और हैं जिन पर अभी रिसर्च चल रहा है जो जल्द ही लॉन्च होंगी। देश के प्रधानमंत्री ने अपनी साइंटिफिक कम्युनिटी पर पूरा भरोसा जताया है और कहा कि जो भी सलाह साइंटिफिक कम्युनिटी देगी हम उसी पर चलेंगे। साइंटिफिक कम्युनिटी की सलाह को ही हम अंतिम निर्णय मानेंगे और अभी तक भी हम उसी की सलाह पर चलते आए हैं। भारत की दोनों वैक्सीन दुनिया की अन्य वैक्सीन से सस्ती और ज्यादा असरदार हैं इस बात को चीन ने भी माना है। दोनों वैक्सीन को भारत की स्थिति और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर निर्मित किया गया है । टीकाकरण का अनुभव जो देश के पास है वह कोरोनावायरस वैक्सीनेशन में बहुत उपयोगी साबित होगा।
किन लोगों को लगेगी सबसे पहले वैक्सीन हैं ?
सभी राज्यों से सलाह लेकर यह निर्णय लिया गया है कि किन लोगों को सबसे पहले वैक्सीन लगनी चाहिए. पहले चरण में उन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी जो देशवासियों की स्वास्थ्य सुरक्षा में दिन-रात जुटे हुए हैं.जैसे हेल्थ वर्कर्स, सरकारी हो या प्राइवेट, दूसरे फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे सफाई कर्मचारी,पुलिस और केन्द्रीय बल,होमगार्ड, सिविल डिफेंस के जवान. देश के सभी राज्यों के फ्रंट लाइट वर्कर्स की संख्या कुल मिलाकर तीन करोड़ के आसपास है जिनके शुरुआती टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार खुद वहन करेगी।
टीकाकरण के दूसरे चरण में 50 वर्ष से ज्यादा के लोगों को और 50 वर्ष से कम के उन बीमार लोगो को जिन्हे संक्रमण का खतरा अधिक है उनको टीका लगाया जाएगा। नरेंद्र मोदी जी ने अपने भाषण में एक सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही कि दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र में देश के कोने-कोने में मतदान की सुविधा देने का भी हमारे पास बहुत अच्छा अनुभव है। चुनाव के समय देश में जो बूथ स्तर की रणनीति हम बनाते है उसी को हमें यहां भी प्रयोग में लाना है।
Made in India Covid-19 Vaccine |
टीकाकरण के लिए जरूरतमंद लोगो की पहचान करना होगा चुनौतीपूर्ण :-
टीकाकरण में सबसे बडी बात ऐसे लोगो की पहचान करना है जिनको टीका लगाया जाना है। इसलिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए कोविन नाम का एक साफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसकी मदद से जरूरतमंद लोगो की पहचान भी की जाएगी और उन्हे दूसरा टीका भी समय से लगे यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। यह साफ्टवेयर पहले टीके के बाद एक डिजिटल सर्टिफिकेट तैयार करेगा। यह डिजिटल सर्टिफिकेट वैक्सीन लगने वाले व्यक्ति को डिजिटल माध्यम से देना जरूरी है ताकि उसे सर्टिफिकेट लेने के लिए दोबारा ना आना पड़े। यह तकनीक इतनी हाईटेक होगी की वैक्सीन की दूसरी डोज कब दी जाएगी इसकी भी रिमाइंडर नोटिस के रूप जानकारी दी जाएगी। हम जो करने जा रहे है दुनियाभर के देश उसका अनुसरण करेगें इसलिए हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ जाती है। कोरोनावायरस वायरस की वैक्सीन से यदि किसी को साइड इफेक्ट होता भी है तो उसके इलाज की भी तैयारी कर ली गई है।
क्या कोरोनावायरस की वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क लगाना अनिवार्य होगा ?
जी हां ! कोरोनावायरस की वैक्सीनेशन के बाद भी हमे कोविड – 19 से बचाव सम्बन्धी नियमो का पूरी तरह से पालन करना है। इन नियमो मे थोडी सी भी लापरवाही भारी पड सकती है। इसका मतलब है कि वैक्सीनेशन के बाद भी सेनीटाइजर, मास्क और दो गज की दूरी बनाए रखना होगा जरूरी। देश और दुनिया के तमाम स्वार्थी तत्व हमारे इस अभियान में रूकावट डालने की पूरी कोशिश करेंगे। ऐसे में सभी राज्यो की जिम्मेदारी है कि वे सभी धार्मिक संगठनो से तालमेल बनाए रखे और किसी तरह के अपवित्र विचारो और अफवाहो को न फैलने दे। जैसे कि पिछले दिनो कुछ असामाजिक तत्वो के द्वारा यह अफवाह फैलाई गई कि कोरोना कि वैक्सीन में सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है इसलिए एक धर्म विशेष के लोग वैक्सीन न लगवाए। ऐसी अफवाह भविष्य में न फैले इसके लिए हमे लोगो के बीच मे कोरोनावायरस की वैक्सीन के विषय में सही जानकारी पहुंचानी है। देश के नौ राज्यो में बर्ड फ्लू की भी पुष्टि हुई है केरल,राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र। प्रधानमंत्री जी ने बर्ड फ्लू को लेकर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रीयो को निर्देश दिए कि वे अपने मुख्य सचिव के माध्यम से जिला मजिस्ट्रेट को बर्ड फ्लू के संबंध में उचित कदम उठाने के निर्देश दें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है। मोदी जी ने यह सुनिश्चित किया है कि सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगेगा जिनकी संख्या लगभग तीन करोड़ के आसपास है और इस सभी का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी, राज्य सरकारो को इसका कोई खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा।
Speaking at the interaction with CMs on vaccination rollout. https://t.co/gbWZ4LsQGB
— Narendra Modi (@narendramodi) January 11, 2021