वकील साहब की शादी का कार्ड हुआ वायरल
आजकल सोशल मीडिया पर वकील साहब की शादी का कार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है। वकील साहब ने शादी के कार्ड पर निमंत्रण पत्र की जगह शादी की सूचना शब्द का इस्तेमाल करते हुए आगे लिखा कि शादी करने का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए मौलिक अधिकार (जीवन जीने का अधिकार) का एक अंश है।
इसलिए अब समय आ गया है कि मैं 28 नवंबर 2021 को इस मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करूं।
इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं आप सभी अनुच्छेद 19 (1) (बी) (शांति से और बिना हथियारों के इकट्ठा होने का अधिकार) के तहत आप सभी उपस्थित हो और अपना आशीर्वाद प्रदान करे।
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत हमने आपसी सहमति से 28 नवंबर 2021 को शादी करने का फैसला किया है।
अत: आपसे अनुरोध है कि जोड़े को आशीर्वाद देने के लिए बुधवार, 1 दिसंबर, 2021 को विवाह समारोह में अपने परिवार के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का कष्ट करें।
निमंत्रण पत्र की आखिरी पंक्ति
जब वकीलों की शादी होती है, तो वे “हाँ” नहीं कहते बल्कि, वे कहते हैं – “हम नियम और शर्तों को स्वीकार करते हैं”
Advocate’s Wedding Card