बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा का वैक्सीन पर यह खुलासा आपके होश उडा देगा।

देश के चौकीदार ने वैक्सीन के नाम पर बहुत बडा खेल खेला, जहां एक तरफ देश को विश्व गुरु बनाने का सपना दिखाया वहीं आज दुनिया हम पर हंस रही है। देश के चौकीदार ने पूरी मानवता को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है।


जब दुनिया के विकसित देश अपने लोगों को बचाने के लिए वैक्सीन की तकनीक और उत्पादन पर पैसा खर्च कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ हिंदुस्तान में देश की दो कोरोना की टीका बनाने वाली कंपनियों क्रमश: भारत बायोटेक और सिरम इंस्टीट्यूट पर हिंदुस्तान ने कोई पैसा खर्च नहीं किया। एक तरफ तो मोदी जी स्वदेशी वैक्सीन का दुनिया भर में ढिंढोरा पीट रहे थे और वहीं दूसरी तरफ 80% से भी ज्यादा वैक्सीन की डोज कॉन्ट्रैक्ट के तहत इन दोनों कंपनीयों द्वारा विदेशों में भेजी जा रही थी। जबकि देश के प्रधानमंत्री द्वारा यह प्रचार किया जा रहा था कि मानवता की भलाई के लिए, विदेशियों की मदद के लिए यह वैक्सीन हिंदुस्तान सरकार द्वारा भेजी जा रही है।



 अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों ने अपने देश में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से पहले ही यह कांट्रैक्ट कर लिया था कि यदि आप कोरोना की वैक्सीन बनाने में सफल हो जाते हो तो अपने उत्पादन की 50% डोज  हमारे लोगों के लिए रिजर्व रखोगे और उसके बाद ही विदेशों में निर्यात कर पाओगे। जबकि हिंदुस्तान मे इसके उलट ही नजारा देखने को मिला।
  जहां एक तरफ मोदी जी ने देश को विश्व गुरु का तमगा दिलवाया तो वहीं दूसरी तरफ मोदी मीडिया ने मोदी जी को वैक्सीन गुरु के रूप में पूरी दुनिया के सामने पेश किया लेकिन कागज के फूलों में कभी खुशबू नहीं आती। वही हाल आज देश के प्रधानमंत्री और मीडिया का हुआ है। लोग बिना दवाओं के, बिना ऑक्सीजन के, बिना वैक्सीन के कोरोना के कहर से सड़कों पर, अस्पतालों में, अस्पतालों के बाहर बुरी तरीके से दम तोड़ रहे थे । The Indian Prime Minister Mr. Narendra Modi is now trending on Twitter with Hashtag #निकम्मा_Pm. Let’s see some funny tweets…

#निकम्मा_PM
Now that BJP’s own party leaders are blaming BJP govt shows that we have #निकम्मा_PM.
Watch this video.pic.twitter.com/kBNUUk1K59

— Truth@INDIAN✋ (@DrINCsupporter) May 17, 2021

देश पहली बार ऐसे समय से गुजर रहा है जब श्मशान घाटों में और कब्रिस्तानो में कोरोनावायरस से मरे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग चल रही है। लेकिन मोदी मीडिया द्वारा लोगों की भावनाओं के साथ एक अलग ही खेल खेला जा रहा था। मानो मैच पहले से ही फिक्स था और अभी शुरुआती तथ्य सामने आए हैं लेकिन मैच फिक्सिंग की पूरी तरीके से जांच सीरीज खत्म होने के बाद होगी। जहां एक तरफ देश में परिवार अपने लोगों को तड़प-तड़प कर जान देते हुए देख रहे थे और डॉक्टर मेडिकल इक्विपमेंट और ऑक्सीजन की कमी के कारण उनको बचाने में खुद को असहाय महसूस कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों की जोड़ी रंगा-बिल्ला के रूप में पश्चिम बंगाल सहित देश के अन्य चुनावी राज्यो में चुनाव प्रचार के रूप में खैला हौवे और दीदी औ दीदी का खेल खेल रहे थे।

Modi Govt has become a threat to the country#modiji_cancel12thboards #JusticeForAsif #mondaythoughts #Sherni #modiji_cancel12thboardexam #GazaUnderAttak #निकम्मा_PM #Modi #cancelclass12thboardexams2021 #IsraelTerrorists #Free_Palestine #freepalastine #Sherni #CycloneTauktae pic.twitter.com/zUIOASMr0E

— Anees Raza (@AneesRaza91) May 17, 2021

मोदी जी, योगी जी, अमित शाह जी अपने तमाम स्टार प्रचारको और मंत्रियों के साथ चुनावी पिच पर जबरदस्त तरीके से बैटिंग कर रहे थे और चौके छक्के लगा रहे थे लेकिन वहीं दूसरी तरफ देश की 135 करोड़ जनसंख्या की जान संकट में थी। लाखो लोगो ने इस खेल में अपनी जान गंवा दी लेकिन ये तीनो अलग ही रंग में चुनावी पिच पर बैटिंग करते नजर आ रहे थे। यह नजारा कुछ इस तरह का था जैसे कि जहां एक तरफ वीरेंद्र सहवाग पाकिस्तान के खिलाफ चौके छक्के लगा रहे हैं और बाकी टीम बिना कोई स्कोर बनाए ही आउट हो जाती है। मानो सहवाग अलग पिच पर बैटिंग कर रहे हो और बाकी खिलाड़ी अलग पिच पर लेकिन जब हम मैच हार जाते हैं तो पता चलता है कि मैच तो पहले से ही फिक्स था। 



देश की 135 करोड़ आबादी ने लगातार दूसरी बार चौकीदार पर भरोसा किया था और चौकीदार ने भी भरोसा दिलाया था कि मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं मिटने दूंगा लेकिन चौकीदार अपने दोनों ही वादों पर पूरी तरीके से नाकाम निकला। उसने जिस तरीके से लाखों लोगों का अपनी अदूरदर्शी सोच के कारण नरसंहार करवा दिया। देश की जनता के पैसे को अपनी चुनावी सभाओं में फूंक दिया, मीडिया को खरीदने में लगा दिया।

Listen to this BJP Leader who is saying openly if we speak against our own BJP govt ,we will be slapped with sedation charges and labelled as “AntiNationalists”.#निकम्मा_PM pic.twitter.com/HeQuBbCQkW

— Truth@Honest✋ (@Thecongressian) May 17, 2021

चौकीदार ने आज देश को भी मिटाने का काम किया है और पूरी दुनिया के सामने मानवता को भी शर्मसार कर दिया है।  आज विदेशी मीडिया हिंदुस्तान का मजाक उड़ा रही है और विदेशी शासक देश को दया की दृष्टि से देख रहे हैं। ऐसे में विपक्ष को और मीडिया को भी सवाल पूछना चाहिए कि क्या यही है इंच का सीना। मोदी जी देश सीने की चौड़ाई से नही बल्कि विकसित दिमाग से चलता है।

If our country is ruled by this bigot and racist man under the disguise of religion, it’s cause of blind faith of our so called Desh Bhakts foolishness who voted for him, Today they too can’t digest the fact, that they are also betrayed, Time is come to say no more! #निकम्मा_PM pic.twitter.com/tmxu1Hhgrm

— Stanley (@StanalbStanley) May 17, 2021

अगर चौकीदार ने अपनी छवि को बचाने के लिए और खुद को वैक्सीन गुरु साबित करने में गोदी मीडिया के साथ मिलकर जितना पैसा और बुद्धि का इस्तेमाल किया है यदि इन सब का इस्तेमाल लोगों के जीवन को बचाने के लिए किया जाता , वैक्सीन को खरीदने में किया जाता तो आज भारत बेहतर स्थिति में होता।

Senior virologist Shahid Jameel quits as Chief Advisor to Centre’s Covid genome surveillance project

एनडीटीवी के मुख्य संपादक रवीश कुमार ने यह दावा किया है कि वैक्सीन की रिसर्च करने वाली भारत की दोनों कंपनियों में न तो भारत का पैसा लगा है और न हीं भारतीय वैज्ञानिक उसमें शामिल है।


कही न कही यह दावा सही भी लग रहा है क्योंकि अगर भारतीय वैज्ञानिक इतनी बड़ी रिसर्च करने में शामिल होते तो अब तक उन्हें देश के सामने क्यों नहीं लाया गया। आखिर उन्होंने इस संकट के समय में टीका बनाकर के मानवता को बचाने का काम किया है तो उन्हें जरूर सम्मानित किया जाना चाहिए था। लेकिन अभी तक उनके नामो का खुलासा नही किया जा सका जो यकीनन सन्देह उत्पन्न करता है। जबकि मोदी जी ने 11 मार्च 2021 को अपने एक बयान में यह कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाने की दिशा में बहुत तेजी से काम किया है और जिसका हमें जरा भी अभिमान नहीं है कि हमारे देश में बनी वैक्सीन विश्व के अनेक देशो में जा रही है। हम मानवता की मदद के साथ-साथ लोगों का स्वास्थ्य बनाने के लिए भी काम कर रहे है। हमारे प्रधानमन्त्री मोदी जी यूँ तो श्रीमद्भागवत गीता का प्रचार प्रसार करते है। अपने मेहमानो को गीता गिफ्ट करते हुए भी नजर आ जाते है और सही भी है क्योकि गीता सच बोलने की प्रेरणा देती है लेकिन फिर दिया तले अंधेरा क्यों ?



बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने एक बयान में यह कहते हुए मोदी जी के खेल की पोल खोलते हुए कहां है कि उन्होंने केवल एक करोड डोज ही मदद के तौर पर विदेशों में निर्यात की है बाकी 84 % वैक्सीन की डोज लगभग पांच करोड से अधिक डोज व्यापारिक कॉन्ट्रैक्ट के तहत निर्यात की गई है।

फरवरी में देश की वित्त मंत्री माननीय निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए यह दावा किया था कि इस साल कोरोनावायरस की वैक्सीन के लिए 35000 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है लेकिन दूसरी तरफ केंद्र सरकार राज्यों से स्वयं के पैसे से वैक्सीन खरीदने की बात कर रही है। अब यदि हिसाब लगाया जाए तो कोविशील्ड और कोवैक्सीन वैक्सीन की एक डोज लगभग ₹157/ रूपए की है तो 35000 करोड रुपए खर्च करके खरीदी गई वैक्सीन से केवल एक प्रतिशत देशवासियों को ही वैक्सीन की डोज लग सकी।

जब तक सिचुएशन अंडर कंट्रोल थी, बीजेपी और गोदी मीडिया मिलकर के मोदी जी की छवि को बना सकती थी तब तक बनाई और जब सिचुएशन हाथ से निकल गई, लोग मरने लगे, गोदी मीडिया और मोदी जी को अपनी तारीफ करने में, महिमामंडन करने में शर्म महसूस होने लगी तब केंद्र सरकार ने राज्यों के सामने हाथ खड़े कर दिए और उनसे स्वयं अपने लोगों के लिए वैक्सीन खरीदने के लिए निर्देश जारी कर दीए। लेकिन वैक्सीन के उत्पादन और निर्यात पर हर तरीके से इस प्रकार नियंत्रण रखा गया जैसे कि सब कुछ मोदी सरकार ही कर रही है।


The Hindu 

जबकि केन्द्र सरकार ने न तो रिसर्च में और न ही उत्पादन में पैसा खर्च किया।

Positivity Booster
Hon’ble PM #CentralVistaProject is not Essential Service

The ‘Essential Service’ is
Ct #GasPrice #PetrolDieselPriceHike
Give th #jobs to youths
Ct GSTon #COVID19 medicines & medical equipments.

I support Mr Modi, he is against #निकम्मा_PM Bad Governance👇 pic.twitter.com/NFC8rlxGKa

— Adv. BAJPAI,PANKAJ,IN🇮🇳 (@pankajbajp16) May 17, 2021

आज जब वैक्सीन की तारीख बुक करवाने के बाद भी वैक्सीन नहीं मिल रही है तब इस खेल की पोल खुलती नजर आ रही है। आखिर ऐसी क्या वजह रही कि सरकार बार-बार यह दावा करती रही कि देश में वैक्सीन की कमी नहीं है। 


13 मई 2021 को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने यह बयान जारी किया कि भारत के पास 135 करोड लोगो के लिए 51 करोड वैक्सीन की डोज है। जो केवल 25.5 करोड लोगो के लिए ही प्रयाप्त है। यह दावा अभी किया जा रहा है लेकिन अब तक हुई दुर्दशा के हिसाब से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह टीका कब तक लोगों को लग सकेगा। विदेशी मदद के नाम पर गोदी मीडिया ने चौकीदार का इस तरीके से महिमामंडन किया की देश की भोली-भाली जनसंख्या के साथ-साथ विपक्ष भी सवाल उठाने की हिम्मत नहीं दिखा सका और यदि किसी ने सवाल उठाने की कोशिश भी की तो गोदी मीडिया ने उसको देश के सामने देशद्रोही साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।


 देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन सिंह अपने एक इंटरव्यू में दावा कर रहे हैं कि 45 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग केवल फोन पर अपॉइंटमेंट लेकर जाएं और टीका लगवा ले लेकिन टीका कितनी आसानी से लग रहा है यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। यहां तक कि गुजरात को तो वैक्सीन की कमी के कारण 3 दिनो के लिए वैक्सीनेशन का कार्यक्रम ही स्थगित करना पड गया। पूरे देश ने देखा कि मोदी जी सिरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक का दौरा करते हैं जिससे कि पूरे देश में मैसेज गया कि मोदी जी के नेतृत्व में कोरोना की वैक्सीन पर तेजी से काम चल रहा है लेकिन बाद में पता चलता है कि देश में वैक्सीन रिसर्च पर केंद्र सरकार ने कोई पैसा खर्च नहीं किया बल्कि वे तो विदेशी करार (84%) के तहत विदेशो मे निर्यात करने के लिए वैक्सीन बना रही थी। मोदी जी ने अपने बहुत से बयानों में यह दावा किया कि आज भारत दुनियाभर में मानवता के लिए काम कर रहा है। कोरोना वैक्सीन से दुनियाभर के लोगों के जीवन को बचाने का काम कर रहा है।



प्रधानमन्त्री जी अपने कई बयानों में यह भी दावा करते हुए नजर आते हैं कि इन दो वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के अलावा और भी कई कंपनी जल्द ही कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाकर के तैयार कर लेंगी। लेकिन आज तक न तो इन कंपनियों का नाम सामने आया है और न ही उनकी उत्पादन क्षमता कितनी होगी यह बात सामने आई ।

कोविशील्ड वैक्सीन के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स ब्रिटेन की एस्ट्रेजनेका कंपनी के पास है ना कि भारत के पास। जिस कारण सिरम इंस्टीट्यूट को कोविडशील्ड की डोज अधिक मात्रा में इग्लैंड भेजनी पड़ी। जबकि प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने किसी भी बयान में यह सच नहीं बताया कि देश की दोनों वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को व्यवसायिक करार के तहत 84% वैक्सीन की डोज दूसरे देशों में भेजनी ही पड़ेगी। इसके उलट गोदी मीडिया ने मोदी जी को वैक्सीन गुरू के रूप में पेश करना शुरू कर दिया। लेकिन देश की गोदी मीडिया और बीजेपी के नेताओ द्वारा जो मोदी जी की छवि घर-घर तक पहुंचाई गई वह अब आप सबके सामने आ गई होगी। और हद तो तब हो गई जब इस पर कुछ लोगो द्वारा सवाल पूछने चाहे तो इस निकम्मी सरकार ने उन पर मुकदमे दर्ज करवाने शुरू कर दिए।

Delhi Police Twitter account 

पहले कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज के बीच में 4 से 8 हफ्ते का का अंतर रखने की एडवाइजरी जारी की गई थी लेकिन अब उसे बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते का अंतर रखने की एडवाइजरी जारी की गई थी। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि केंद्र सरकार के पास वैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण यह सीमा बढ़ाई गई है।


भारत को दुनिया की सबसे ज्यादा तेजी से उभरती हुई शक्ति का दावा करने वालो आज मैं उस समय ग्लानि से भर गया जब भूटान जैसे देश के प्रधानमन्त्री ने विदेशी मीडिया को दिए अपने एक इन्टरव्यू में कहा कि हम भारत को आक्सीजन की सप्लाई कर रहे है। देश में सरकार चाहे किसी की भी रही हो लेकिन पिछले 70 सालों में ऐसा समय कभी नहीं आया जब भूटान और नेपाल जैसे देशों से भारत को सहायता लेनी पड़ी हो। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि भूटान दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया जिसने अपनी 93% वयस्क आबादी को वैक्सीन लगाने में सफलता हासिल कर ली हो।

साथियों अब मोदी जी कह रहे हैं कि
कोरोना से बचाव का एक बहुत बड़ा माध्यम है, इसका टीका। इसलिए जब भी आपकी बारी आए तो टीका जरूर लगवाएं। यह टीका कोरोना के विरुद्ध सुरक्षा कवच देगा, गंभीर बीमारी की आशंका को कम करेगा।

इससे एक बात तो साफ हो गई है कि ताली बजाने से, ताली बजाने से, दीए और मोमबत्ती जलाने से और गो कोरोना गो कहने से वायरस जाने वाला नहीं है लेकिन अफसोस की बात यह है कि देश के प्रधान सेवक को वैक्सीन का महत्व अब जाकर के समझ आया। ” खैर देर आए दुरुस्त आए ” ।

आखिर मे एक बात तो साफ हो गई है कि चौकीदार ही चोर निकला।

It’s been 7 years he is power. When will he fulfill his promise?#निकम्मा_PM pic.twitter.com/ouSi60J26v

— Riyaz (@Rz1505) May 17, 2021

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