Ex Gratia Monetary Compensation ( अनुग्रह राशि मौद्रिक मुआवजा )
अभी हाल ही में पीड़ित परिवारो को 4-4 लाख रूपए दिलाए जाने के सम्बन्ध में एडवोकेट हरिसा द्वारा याचिकाकर्ता एडवोकेट रीपक कन्सल की तरफ से माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है।
कोरोना देश में एक बड़ी महामारी लेकर आया बल्कि इसे वैश्विक महामारी का दर्जा भी दिया जा चुका है. इस महामारी के चलते लाखों लोग घर से बेघर हो गए, बेरोजगार हो गए और ना जाने कितनी महिलाएं विधवा हो गई और हजारों बच्चे जिनके मां-बाप को कोरोनावायरस की वजह से अपनी जान गवानी पड़ी बेसहारा हो गए।
अब यहाँ पर मेरा आदरणीय प्रधानमन्त्री महोदय और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से निवेदन है कि कोविड-19 के चलते जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया उन लोगों का डाटा इकट्ठा कर उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए और उनको जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। क्योंकि यह वैश्विक महामारी है और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 12 में यह प्रावधान दिए गए हैं कि आपदा से प्रभावित व्यक्ति जैसे विधवाओं और अनाथो के लिए स्पेशल नियम बनाए जाएंगे।
उनके लिए जरूरी संसाधन जैसे दवाईया, आक्सीजन, सैनिटाइजर, पानी और खाने की व्यवस्था की जाएगी और जिन लोगो ने आपदा के चलते अपनी जान गवाईं है उनके परिवारो को मुआवज़े के साथ-साथ उनके घर और रोजगार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए । तथा इसके अलावा भी अन्य कोई राहत जो सम्बन्धित सरकारे पीड़ितों को दे सकती हैं वह देनी चाहिए। ऐसी व्यवस्था के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 12 में प्रावधान दिए गए है। इसके अलावा कोरोनावायरस की वजह से जान गवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों को यह जानने का संवैधानिक अधिकार है कि उनकी मृत्यु किस वजह से हुई है।
मेरा माननीय प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि वह अपनी सरकारों को या संबंधित प्राधिकरणों जैसे अस्पताल आदि को निर्देशित करें कि वे मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र या अन्य कोई दस्तावेज उनके परिवार वालों को अवश्य दें जिसमें मृतक की मृत्यु का वास्तविक कारण लिखा हो। जिससे कि पीड़ित परिवार उस दस्तावेज के द्वारा संबंधित सरकारों से मुआवजा प्राप्त कर सके तभी जाकर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 का उद्देश्य पूरा हो सकेगा।
मेडिकल ऑफिसर्स और हॉस्पीटल के डॉक्टर्स को निर्देशित किया जाना चाहिए कि वे कोविड-19 से जिन लोगों की मृत्यु हो रही है उनकी बॉडी का पोस्टमार्टम अवश्य करें और उसका सर्टिफिकेट मृतकों के परिवार को शीघ्र उपलब्ध कराएं। क्योंकि मृत्यु का वास्तविक कारण जानने का उनके परिवार वालों का संवैधानिक अधिकार है जिसे किसी भी कीमत पर छीना नहीं जा सकता।
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का यह संवैधानिक दायित्व बनता है कि वह आपदा से पीड़ित परिवारों को पूरी सहायता मुहैया कराएं। और क्योंकि कोविड-19 एक वैश्विक महामारी है इसलिए इससे पीड़ित परिवारों को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के अंतर्गत रिलीफ दिया जाना अत्यंत आवश्यक है।
Section 12 of National Disaster Management Act 2005
Guidelines for minimum standards of relief – The nation authority shall recommend guidelines for the minimum standards of relief to be provided to persons affected by disaster which shall include –
1- The minimum requirements to be provided in the relief camps in relation to shelter, food, drinking water, medical cover and sanitation.
2- The special provisions to be made for widows and orphans.
3- Ex gratia assistance on account of loss of life as also assistance on account of damage to houses and for restoration of means of livelihood.
4- such other relief as may be necessary.