क्यूँ चला गया ये ऊभरता हुआ सितारा 1000 सालो के लिए प्रेत योनि में ।
बच्चे चाहे जितने भी बड़े हो जाएं लेकिन मां-बाप के लिए वह हमेशा बच्चे ही रहते हैं और वो भी जब उम्र 34 साल हो । यह उम्र छोड़कर जाने की तो नहीं होती। लेकिन बॉलीवुड का यह उभरता हुआ सितारा दुनिया को छोड़ कर हमारे शास्त्रो के हिसाब से 1000 वर्षों के लिए प्रेत योनि में चला गया।जब मैं दोपहर बच्चों के साथ Amazon Prime Video पर मूवी देख रहा था “ गुलाबो-सिताबो ” तो What’s up पर एक मैसेज आया जिसमे सुशांत सिंह राजपूत का फोटो था और नीचे Caption में लिखा था RIP सुशांत सिंह राजपूत तो मुझे यकीन ही नही हुआ। मैने तुरंत मूवी बन्द कर आजतक न्यूज चैनल चलाया तो वहाँ पर भी यही खबर चल रही थी। ऐसे लगा जैसे एक दोस्त कम हो गया हो ।
इतनी जल्दी चले जाओगे यह आपके फैन्स ने सपने मे भी कभी नहीं सोचा होगा। जिसकी बल्लेबाजी और टाइमिंग के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी मुरीद हो, उनकी टाइमिंग इस बार करोड़ों लोगों को निराश कर गई।हर कोई पूछ रहा है आखिर क्यों। बॉलीवुड के सितारों से लेकर देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी तक ने जिसके यूँ दुनिया छोड़कर चले जाने पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हो वह कोई छोटा सितारा तो नहीं हो सकता।
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जिंदगी भी क्रिकेट की तरह है। कुछ लोग बाउंसर आने पर सावधानीपूर्वक डक कर जाते हैं और कुछ लोग मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की तरह अपरकट मार कर बाल को बाउंड्री के बाहर भेज देते हैं। और आप ने भी अर्जुन तेंदुलकर की बाउंसर पर कुछ बेहतरीन शॉर्ट्स लगाकर क्रिकेट के भगवान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी अपना फैन बना लिया था। लेकिन इस बार आप गलत शॉट खेलकर आउट हो गए। काश जिंदगी में क्रिकेट की तरह रिव्यू सिस्टम होता, तो मैं यहाँ पर रिव्यू ले लेता। सुशांत सिंह राजपूत, पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के इतने बड़े फैन थे कि जब उन्हें उनकी बायोपिक फिल्म धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी ऑफर हुई तो उन्होंने अपने आप को पूरी तरीके से धोनी के रूप में तब्दील कर दिया । लगभग 1 साल क्रिकेट का कठिन अभ्यास किया, धोनी की बैटिंग करते हुए वीडियो देखी और नेट पर घंटों रणजी ट्रॉफी स्तर के बल्लेबाजों का सामना किया और तो और विकेट कीपिंग भी धोनी की तरह ही सीखी। हालांकि एक एक्टर के लिए क्रिकेटर के रूप में तब्दील हो जाना इतना आसान नहीं होता। असल लाइफ फिल्मी दुनिया से बहुत अलग होती है। लेकिन फिर भी सुशांत सिंह राजपूत ने नामुमकिन को मुमकिन करके दिखाया। एक बार जब सचिन तेंदुलकर अपने बेटे अर्जुन तेंदुलकर को प्रैक्टिस करवाने के लिए ग्राउंड पर लेकर गए तब उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत को नेट पर प्रैक्टिस करते हुए देखकर पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे से पूछा था कि यह लड़का कौन है । तब किरण मोरे ने बताया था कि यह हमारा एक्टर है जोकि धोनी पर बनने जा रही बायोपिक फिल्म के लिए मेरे नेतृत्व में क्रिकेट सीख रहा है। तब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने आश्चर्यचकित होकर कहा था कि लग ही नहीं रहा यह कोई एक्टर है यह तो प्रॉपर बल्लेबाज लग रहा है। और फिर अर्जुन तेंदुलकर की बॉलिंग पर भी सुशांत सिंह राजपूत ने कुछ अच्छे शॉट्स लगाकर मास्टर ब्लास्टर का दिल जीत लिया था।
क्या सच में आत्महत्या की इतनी बडी सजा मिलती है:-
यह बहुमूल्य जीवन ईश्वर ने मनुष्य को एक विशेष कार्य के लिए दिया है और इसे प्रकृति के अनुकूल ही जीना होता। लेकिन मनुष्य जीवन और शरीर को अपनी धरोहर और प्रकृति को अपनी सेविका समझ लेता है। जिसका परिणाम पूरी दुनिया कोरोनावायरस जैसी महामारी के रूप में देख रही है। न तो मनुष्य किसी को जीवन दे सकता है और न ही उसे किसी के जीवन को लेने का अधिकार है। ईश्वर के नियम बहुत ही सक्त है। जिस प्रकार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भरना पडता है । ठीक उसी तरह ईश्वर के नियमों के विरुद्ध जाने पर भी कडी सजा भुगतनी पडती है। मैं यहाँ पर आपको डरा नही रहा हूँ बल्कि आपका सच्चाई से सामना करा रहा हूँ। हमारे सन्तो ने भी कहा है कि आत्महत्या करने वाले 1000 सालो तक प्रेत योनि में भटकते रहते है और सन्तो की वाणी ईश्वर की वाणी होती है जिसको साधारण परिस्थितियां में बदला नही जा सकता। लेकिन मैं तो फिर ईश्वर से यही प्रार्थना करूंगा कि ईश्वर सुशांत सिंह राजपूत को क्षमा करे।
काश जीवन की साँसें भी Transferable होती :-
” कहने को उडने के लिए अभी पूरा आसमान बाकी है लेकिन तुमने पंख ही बन्द कर लिए तो क्या कहे “