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इश्क का मांझी

पता नहीं तेरे इश्क में और कितनी ठोकरें खानी पड़ेगी लेकिन हम भी तेरे इश्क के पक्के मांझी हैं जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे








कामयाबी ना हाथों की लकीरों से मिलती है ना माथे के पसीने से मिलती है। कामयाबी तो सिर्फ दोनो के संगम से मिलती है












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