अधिवक्ता लाॅ कैफे द्वारा कोरोना वायरस के नाम पर हो रही ठगी से बचने के सम्बन्ध में बताए गए कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश
वर्तमान समय में करोना महामारी के प्रकोप के चलते रेमडेसिवीर इंजेक्शन , अस्पतालो में बैंड के व्यवस्था तथा ऑक्सीजन सिलेंडरों के नाम पर सोशल साइट्स/ऐप्स के माध्यम से फ्राड हो रहे हैं-
A- गूगल पर अस्पतालो/मेडिकल अदि का फर्जी नंबर डालकर तथा फोन पर वहां का कर्मचारी बनकर एडवांस पेमेन्ट लेकर ठगी की जा रहीं है।
B- मरीजो के परिजनो की डिटेल, जो उनके द्वारा मदद मांगने के लिए के पोस्ट की जा रही है, का दुरूपयोग करके उन्हें कॉल कर के सोशल मीडिया पर एडवांस पेमेन्ट लेकर ठगी की जा रही हैं।
C- ठगी करने वाले फर्जी वैबसाइट, इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म,सोशल मिडिया एकांउट और Email बनाते हैं। जो मैडिकल उत्पादों को बेचने और देंने का दावा करते हैं और पिड़ीतो को बैंक हस्तांतरण/UPI के माध्यम से भुगतान करने के लिए कहा जाता है।
D- ई-मेल , महामारी से सम्बंधित लिंक, स्वास्थ्य आधिकारी होने का दावा करने वाले अपराधियों के द्वारा भेजे जाते है जिसका उद्देश्य पीडितों को एक विशिष्ट/ फर्जी वेबपेज पर ले जाकर उनके वास्तविक ई-मेल पते और पासवर्ड के साथ लॉगिन करना होता है। ठग तब संवेदनशील जानकरी
और संम्भावित रूप से आपके पैसे चोरी करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों की साख का उपयोग करते हैं l
Law of Contract – Performance of Contract
ऐसे फ्रॉड से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश –
1. संधिग्द ई-मेल खोलने से बचें और साेशल मैसेजिंग ऐप्स, ई-मेल आदि पर प्रसारित असत्यापित कोरोना वायरस से सम्बन्धित लिंक पर क्लिक ना करें।
2. गूगल/ सोशल वेबाइट से किसी अस्पताल/मेडिकल अथवा अन्य का नंबर लेते समय विशेष सावधानी बरतें। अधिकारिक वेबाइट पर जाकर ही कस्टमर केयर नंबर या ई-मेल आई.डी प्राप्त कर प्रयोग करें।
3. असत्यापित वैबसाइट से प्राप्त किये गए कस्टमर केयर/पर्सनल नंम्बरों का प्रयोग करने से बचें। इससे धोखाधड़ी भी हो सकती हैं l
4. बिना भौतिक सत्यापन के किसी भी वस्तु का एडवांस आनलाईन माध्यम से जमा करने से बचें।
5. पैसे दान करने से पहले चैरिटी फंड की साख की जांच अवश्य करें व अधिकारिक स्त्रोत पर ही जाकर दान करें।