मेहनत से उठा हूं,मेहनत का दर्द जानता हूँ। आसमा से ज्यादा जमी की कद्र जानता हूं। लचीला पेड़ था जो झेल गया आंधियां को, मैं मगरूर दरख़्तों का हश्र जानता हूं।
जो व्यक्ति ईमानदारी से मेहनत करके अपने दम पर तरक्की करता है। अपने जीवन में जो सफलता प्राप्त करता है, केवल वही व्यक्ति लंबे समय तक उस सफलता के रस का आनंद ले पाता है। और उसे ही सफलता की कीमत का पता होता है अन्यथा जिन लोगो को बिना कुछ किए ही सबकुछ मिल जाता है वे लोग उसकी सही कीमत का ना तो अन्दाजा लगा सकते है और ना उसके साथ न्याय कर सकते है।