यदि मुझे देश का प्रधानमंत्री चुना जाता है और कोरोनावायरस से देश में बिगड़ते हालात को देखते हुए सबसे पहले कोई तीन कदम उठाने की बात करें, तो मैं यह चीजें सबसे पहले करना चाहूंगा।
(1) देश में कोरोना वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जाएगा और कोरोना वैक्सीन के दूसरे देशों में निर्यात या दान देने पर रोक लगाई जाएगी, जिससे देश के सभी नागरिकों को कोरोनावायरस की वैक्सीन जल्द से जल्द लगाई जा सके और यदि जरूरत पड़ी तो विदेशों से भी कोरोना वैक्सीन का आयात किया जाएगा. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 ( वित्तीय आपातकाल ) का इस्तेमाल कर देश की संसद, सभी राज्यों की विधानसभाओं मैं बैठे सभी जनप्रतिनिधियों और देश के सभी क्लास वन श्रेणी के लोक सेवकों की सैलरी मे हालात सामान्य होने तक 50 % प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी तथा जितना जरूरी हो सके उनकी सुख – सुविधाओं पर होने वाले खर्च में भी कटौती की जाएगी ताकि बचत का पैसा देश और देश की जनता के काम आ सके।
Covid-19 Vaccine |
(2). देश में मौजूदा संकट को देखते हुए जिन राज्यों में चुनाव होने हैं या फिर अभी चल रहे हैं उन पर पूर्णत: रोक लगाई जाएगी और उन राज्यो में सुचारू रूप से व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता खोजा जाएगा जैसे कि राष्ट्रपति शासन ( Article 356 of Indian Constitution ) भी एक विकल्प हो सकता है। जिससे ऐसे संकट के समय देश की राजनीतिक पार्टियां देश के नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ ना कर सके और चुनावी रैलियों में होने वाले भारी-भरकम खर्च के पैसे को बचाकर जरूरतमंद गरीब जनता तक पहुंचाया जा सके क्योंकि देश के नागरिकों का जीवन बहुमूल्य है ना कि राज शाही।
(3). जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को (130 करोड़ भारतवासियों को ) कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं लग जाती और देश में हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक जितनी हद तक जरूरी हो लॉकडाउन लगाया जाएगा, देश में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पूर्णतया: रोक लगा दी जाएगी, सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में फ्री इलाज की व्यवस्था एवं सभी जरूरतमंद व्यक्तियों को घर पर ही भोजन की व्यवस्था की जाएगी। अब आप सोच रहे होंगे कि लाॅकडाऊन से तो देश की जीडीपी और विकास दर निचले स्तर पर चली जाएगी और सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूं कि ऐसा कुछ नहीं है। पिछले 1 साल में पीएम केयर्स फंड में अथाय पैसा देश के नागरिकों द्वारा जमा कराया गया, जिसका खुलासा केंद्र सरकार ने न तो अभी तक किया है और ना ही करेगी क्योंकि उस पैसे का इस्तेमाल सरकार चुनावी प्रचार – प्रसार में और अपनी महंगी सुख-सुविधाओं में खर्च कर रही है।
अगर आपके मन में भी देश में मौजूदा हालात को देखते हुए कुछ अच्छे विचार हैं जो कि देश के काम आ सके तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर भेज सकते हैं हम उनको भी प्रेषित करेंगे।