Bisrakh/Greater Noida 06/may/2020 Wed 6:00PM
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आजकल जहां एक तरफ पुरी दुनिया के वैज्ञानिक कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हुए है! वही दूसरी तरफ देश के बच्चे अश्लील वीडियो देखने में लगे हुए है । #कोरोनावायरस
के चलते स्कूल कॉलेज बंद है! यहां तक कि पूरी दुनिया ही लॉक डाउन । सभी बच्चे और उनके पेरेंट्स अपने-अपने घरों में बंद है । #चीन के #वुहान शहर
से यह वायरस जब धीरे-धीरे भारत सहित पूरी दुनिया में पैर पसारने लगा,
तब सभी लोग अपने घर-परिवार का पालन पोषण करने के लिए घर से बाहर काम पर जाने वालें सदस्यों और शिक्षा व अच्छे संस्कार ग्रहण करने स्कूल-कॉलेज जा रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे । यूं तो कोरोनावायरस धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया और लाखों जाने चली गई। लेकिन कोरोनावायरस ने सबसे ज्यादा तांडव रूस, इटली, अमेरिका ,इंग्लैंड ,फ्रांस ,स्पेन, और यूरोप के तमाम देशों में मचाया । कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए दुनिया के तमाम बड़े से बड़े देशों के वैज्ञानिक लगे हुए हैं । करोड़ों – अरबों रुपए खर्च कर चुके हैं ।लेकिन अभी तक भी इस जानलेवा वायरस की वैक्सीन बनाने में कामयाब नहीं हो पाएं है । लेकिन फिर भी #कोरोनावायरस की तो आज नहीं तो कल दवाई उपलब्ध हो ही जाएगी ! लेकिन आज मैं आपको एक ऐसे गंभीर मनोरोग के बारे में बताने जा रहा हूं जिसका इलाज संभव नहीं होगा और यह रोग कोरोनावायरस से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। कोरोनावायरस के चलते हमारे देश भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिनांक 24/03/2020 को 21 दिनों के लिए संपूर्ण भारत में लॉक डाउन की घोषणा और फिर स्थिति मेें कोई सुधार न आता देख इसे धीरे-धीरे 2.0 और 3.0 के रूप में बढ़ाया जोकि अब 17 May 2020 तक लागू रहेगा और यदि संभव हुआ तो आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इससे देश ने और बच्चों केे माता-पिता ने राहत की सांस ली और यह सुनिश्चित कर लिया की अब उनके बच्चे घरों मेंं बन्द होने के चलते सुरक्षित रहेगें और सही मायने में हर मां बाप यही समझेगा कि उसका बच्चा घर पर है तो सुरक्षित है। लेकिन यह मानना गलत है ! स्कूलों ने बच्चों की ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है और ज्यादातर पेरेंट्स ने अपने-अपने बच्चों को मोबाइल, लैपटॉप और इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध करवा दी है ।
लेकिन क्या वाकई आपका बच्चा पढ़ रहा है या अश्लीलता के नशे में डूबता जा रहा है । जी हां हो सकता है कि मेरी यह बात आपको थोड़ी अजीब लगे! लेकिन पिछले 2 दिनों से शराब का नशा और अश्लीलता का नशा पूरे देश में इन्हीं दो मुद्दों पर चर्चा चल रही है। पिछले 24 घंटे में बाॅयज लॉकर रूम और गर्ल्स लॉकर रूम का खुलासा हुआ है, जोकि इंस्टाग्राम पर चल रहे चैट ग्रुप हैं। आरोपो के मुताबिक बॉयज लॉकर रूम में लड़के लड़कियों के बारे में अश्लील चैट और अश्लील फोटो आपस में शेयर करते थे !
यहाँ तक कि लड़कियों का गैंगरेप करने तक की बातें करते थे और गर्ल्स लॉकर रूम मे लड़कियां लड़कों के बारे में इसी तरह की अश्लील चैट और फोटो इंस्टाग्राम के ग्रुप में शेयर करती हैं और ये सभी लडके और लड़कियां केवल 15 से 19 साल तक के है मतलब कि ज्यादातर बच्चे नाबालिग है । बाॅयज लॉकर रूम चैट ग्रुप का एडमिन एक 19 साल का नाबालिग था! जिसको दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और जांच चल रही है ।
बॉयज लॉकर रूम के चैट ग्रुप में लगभग 21 लड़के थे! जिनमें से 10 की दिल्ली पुलिस द्वारा पहचान कर ली गई है। इन चैट ग्रुप के सामने आने से पहले हम सिर्फ लड़कों के बारे में यह सोचते थे कि वे लड़कियों के बारे में गलत बातें करते हैं या गलत राय रखते हैं ! लेकिन अब गर्ल्स चैट ग्रुप के सामने आने से यह भी खुलासा हो गया है लड़कियां भी लड़कों के प्रति वैसी ही राय रखती है। हालांकि एक एडवोकेट होने के नाते मेरी राय पहले से ही लड़के और लड़कियों के बारे में एक जैसी ही रही है ! क्योंकि आये दिन मेरे सामने कुछ मामले आते रहते हैं। अब आप इन चीजों से अंदाजा लगा सकते हैं कि देश का भविष्य क्या है, आपका भविष्य क्या है और आपकी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य क्या है। आने वाले समय में यही लड़के अपराध की दुनिया में कदम रखेंगे और यही लड़कियां शादी करके दूषित कुल को जन्म देगीं। यह कोई छोटी-मोटी समस्या नहीं है बल्कि इस विषय पर पेरेंट्स को और हमारे समाज को गम्भीरता से काम करने की जरूरत है और अपने बच्चो को स्मार्टफोन, इंटरनेट और लैपटॉप की जगह अच्छे संस्कार और समय देने की आवश्यकता है। इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे देश का भविष्य अब अंधेरे में है और बिल्कुल सुरक्षित नहीं है । ये बच्चे और कही के नहीं बल्कि दिल्ली और नोएडा के उन बड़े से बड़े स्कूलों के हैं जिनमें आम आदमी इनकी महंगी फीस के चलते अपने बच्चों को वहां पढ़ाने की सोच भी नहीं सकते।
अब जाहिर सी बात है कि इतने शानदार-महंगे स्कूलों मे बच्चा पढ रहा है, तो जेंटलमैन ही बनकर निकलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है । आज मुझे बड़ी चिंता के साथ यह जाहिर करना पड़ रहा है कि देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चे अब अश्लीलता के नशे में गोते लगा रहे हैं। अब आप इस प्रमाण से अंदाजा लगा सकते हैं कि लाखों रुपए सालाना फीस के नाम पर वसूलने वाले ये बड़े से बड़े स्कूल किस तरह की शिक्षा और संस्कार हमारे बच्चों को दे रहे हैं। चाहूं तो मैं शिक्षा का धन्धा करने वाले इन तमाम बड़े स्कूलों के नाम भी खोल सकता हूं !लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता। अब आप सोच रहे होंगे कि ये स्कूल हमारे बच्चों और देश के भविष्य के साथ किस तरह का खिलवाड़ कर रहें है। जहां एक तरफ देश की आधी से ज्यादा आबादी को न तो स्कूल जाने का मौका मिल पाता है और ना हीं तमाम सुविधाएं मिल पाती है।
लेकिन यह भी एक सोचने का विषय है कि जिन बच्चों को यह तमाम सुविधाएं स्मार्टफोन, लैपटॉप, इंटरनेट आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं क्या वह इनका सही इस्तेमाल कर रहे हैं।
जहां एक तरफ यह बच्चे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर अपनी पढ़ाई को घर पर ही पूरा कर सकते थे और नए से नए ज्ञान को प्राप्त कर सकते थे ! लेकिन इसके उलट इन बच्चों ने इनको दी जा रही तमाम सुविधाओं का दुरुपयोग करते हुए पूरे देश को सोचने को मजबूर कर दिया है। भारत में केवल 24 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन है, यानि लाॅक डॉन के चलते देश के सभी बच्चे चाह कर भी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकते ।
लेकिन जिन बच्चों को सौभाग्य से इन तमाम सुविधाओ का इस्तेमाल करने का मौका मिल रहा है ! वे अपने नैतिक पतन की और बढ रहे है । लाॅक डाउन के चलते पिछले 3 महीनों के सर्वे से यह पता चला है कि भारत में पोर्न वेबसाइट पर ट्रैफिक 95% बढ़ गया है और यह आंकडा और भी चौकाने वाला तब है, जब भारत में 3500 से ज्यादा पोर्न वेबसाइट प्रतिबंधित हैं । आजकल कोरोनावायरस के चलते सबसे ज्यादा ट्रैफिक पिछले 2 दिनों में या तो शराब के ठेकों पर नजर आया है या पिछले 3 महीने में पोर्न वेबसाइटो पर । जहां एक तरफ मां-बाप अपने बच्चों को दुनिया की तमाम सुविधाओं के साथ-साथ पढ़ाई करने के लिए लैपटॉप, स्मार्टफोन और लैपटॉप उपलब्ध करा देते हैं
और सोचते हैं कि अब उनका बच्चा तकनीक के माध्यम से अपनी पढ़ाई करेगा, क्लास अटेंड करेगा, और नई नई जानकारियां हासिल करेगा । लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है । आजकल इंटरनेट पर तमाम तरीके से अश्लीलता फैली हुई है । जिनको ढूंढना नहीं पड़ता बल्कि वह अपने आप ही डिस्प्ले पर ओपन हो जाती है । और 14 से 20 साल तक की जो उम्र है, इस उम्र में बच्चो के शरीर में हार्मोंस तेजी से विकसित होते हैं और बच्चे अश्लीलता की तरफ बहुत जल्दी आकर्षित होने लगते हैं । ऐसे ही बच्चे जो अपने हारमोंस को कंट्रोल नहीं कर पाते, वे आगे चलकर शराब और तमाम तरह के नशे में गोता लगाने लगते हैं ।
आज जरूरत है देश के तमाम मां-बाप को अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की और अपने बच्चों को समय देने की।आज देश के करोड़ों मां-बाप को मैं अपने इस ब्लॉग के जरिए यह मैसेज देना चाहता हूं और हाथ जोड़कर निवेदन करना चाहता हूं कि जाग जाओ वरना पछताने के अलावा आपके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं होगा ।आजकल के मां बाप अपने बच्चों को तमाम सुविधाएं जैसे बड़े से बड़े स्कूल में एडमिशन दिलाना, बड़े से बड़ा स्मार्टफोन देना, लैपटॉप और इंटरनेट देकर ही समझ लेते है कि उन्होंने अपना फर्ज अदा कर दिया । लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है । जब तक आप अपने बच्चों को समय नही देगें और अच्छे संस्कार नही देगें ! तब तक बच्चा अच्छे और बुरे में फर्क करना कैसे सीखेगा । क्योंकि इंटरनेट पर सब कुछ उपलब्ध होते हुए भी अच्छे संस्कार नहीं मिल सकते । मुझे आशा है कि मेरा ये आलेख आपको पसंद आएगा और आप इसे फौलो करने के साथ ही साथ तमाम लोगो तक पहुंचने का कार्य करेंगे
जिनको इसकी आवश्यकता है ।
धन्यवाद
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