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एक हादसे ने मुझे बैंकर से बोद्ध भिक्षु बना दिया :- एमा स्लेड

मैंने बैंकिंग मे अपना कैरियर चुना था, लेकिन अब भूटान के पहाड़ों मे उसका कोई अस्तित्व नहीं हैं !लेकिन जीवन मे यह बात मायने नहीँ रखती की आपनें जीवन मे कितना धन कमाया , बजाय इसके की आप अपनें जीवन मे कितने खुश हैं, यह बात ज्यादा मायने रखती है !

भले ही मैं  भूटान मे  एक बोद्ध भिक्षु के रूप मे जानी जाती हूँ ,पर मेरा भूतकाल एकदम अलग था !मेरा जन्म इंग्लैंड के केंट शहर मे हुआ था !मैंने कैंब्रिज जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से अपनीं पढाई पुरीं की थीं ! अपनीं पढाई के बाद मेरा बैंकिंग के क्षेत्र मे काम करने का अनुभव शानदार रहा !मैंने हांगकांग  की एक फण्ड मैनेजमेंट कंपनी मे  चार्टेड एकाउंटेंट का काम करने के साथ  इंग्लैंड और न्यूयोर्क मे भी काम किया !

एक हादसे ने बदल दी मेरी जिन्दगी 

अपने काम के सिलसिले मे मैं  जकार्ता गयी हुईं थी , मैं अपने होटल के कमरे मे आराम कर रही थीं तभी कुछ बदमाश मेरे कमरे मे आ घुसे और मुझें जबरन बन्दूक की नोक पर  बंधक बना लिया और मेरे साथ बारी बारी से कई बार गलत काम किया !मैंने यह मान लिया था कि अगले कुछ घंटें मेरी जिन्दगी के आखरी पल होंगें ! लेकिन मैं भाग्यशाली रही कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर न सिर्फ मेरी जान बचाई बल्कि मुझें सोचने पर मजबूर कर दिया कि अगर पुलिस मौके पर न आती तो मेरा जीवन हमेशां के लिए समाप्त हो जाता और मेरा द्वारा कमाया गया धन भी मेरे साथ नहीं जाता ! उस वाक्ये ने मेरी जिन्दगी पूरी तरह से बदलकर रख दी , और कई बार तो मैं उन बदमाशो का धन्यवाद भी देतीं हूँ ! क्योकि अगर वह घटना मेरी जिन्दगी मे घटित न होतीं तो मैं जिंदगीभर इस दलदल मे फंस कर रह जाती !

योग और ध्यान ने बदला जिन्दगी के प्रति नजरिया 

मैंने अपना कैरियर पैसा कमाने के उद्देश्य से शुरू किया था ! परंतु जकार्ता के होटल मे मेरे साथ घटी उस घटना ने मुझे एहसास करा दिया था कि वह उद्देश्य मेरी सफलता और खुशियों का एक बहुत छोटा सा हिस्सा है ! मैंने उस घटना के आघात  से उभरने के लिए कई पुनर्वास केन्द्रों का सहारा लिया !उन्हीं केन्द्रों की सलाह मानकर मैंने योग और ध्यान को सिखने के लिए कुछ साल भूटान मे बितायें !भूटान मे निवास के समय  योग और ध्यान का मेरे जीवन पर गहरा असर पड़ा ! भूटान से इंग्लैंड वापस जाने के बाद भी मैं अपने आप को योग और ध्यान से अलग नहीं रख सकीं ! अपनीं जॉब को छोड़कर मैं दोबारा भूटान आ गईं और इस दिव्या देश मे नियुक्त होने वाली पहली पश्चीमी महिला बन गईं !फिर मैं  भूटान मे बोद्ध भिक्षुओं की महान अध्यात्मिक परम्पराओं की गवाह बनीं !

बुरा दौर जीवन का अंत नहीँ 

बुरा वक्त हर किसी की जिन्दगी मे आता और फिर चला जाता है !उसी तरह अच्छा वक्त भी आता जाता रहता  है ! वक्त अच्छा  हो या बुरा, वक्त की एक ख़ास बात यह है की वो एक जगह रुकता नहीं है !
मैं आठ साल के बैंकिंग सेक्टर मे एक कामयाब इंसान थीं !मैंने जो सफलता चाही वहीं मिली ! मैं अपनीं रैंक मे सबसे ज्यादा पैसे कमाने वालीं कर्मचारी थीं ! मन का काम, प्रमोशन , बोनस सब कुछ !इतने से मुझें परम ख़ुशी मिल जानी थीं, पर ऐसा नहीँ हुआ ! भिक्षु बनने के बाद मुझें यह एहसास हुआ की पुरुषों के साथ रूमानी पल भी मुझे उस ख़ुशी के करीब नहीँ ले जा सकते थे , जो मुझें सन्यासी जीवन से हासिल हुए ! मैं पिछलें पांच वर्ष से बोद्ध धर्म की हज़ारों गतिविधियों मे शामिल हो चुकी हूँ ! अगले तीन वर्षोँ तक मुझें हिमालय की गोद मे एक लम्बीं साधना करनी हैं ! अपनीं जिन्दगी से मैंने यह सीखा  है कि किसी भी बुरे दौर को जीवन का अंत नहीं समझना चाहियें !

किताब की कमाई से चैरिटी 

मैंने भूटान से इतना कुछ पाया है कि उसका ऋण चाह कर भी नहीँ उतार सकतीं ! मैं भूटान के वांगचुक मे मानसिक रूप से कमजोर एक कलाकार के साथ काम करतीं हूँ ! वंहा के दिव्यांग बच्चो के बीच भी जाती हूँ !मैंने अपनीं जिन्दगी की सभी छोटी बड़ी घटनाओं को अपनें शब्दोँ मे समेट कर सेट फ्री नाम की एक किताब लिखी है !इस किताब से होने वालीं कमाई मैं एक चैरिटी संस्था के जरिये भूटान के बच्चो पर खर्च करतीं हूँ !
भूटानी बोद्ध भिक्षु 
एमा स्लेड 


लेखक 
मोहित भाटी अधिवक्ता 
9310204200
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