आखिर ड्रग कंट्रोलर ने माना कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत अपराध किया है; दिल्ली हाईकोर्ट ने गौतम गंभीर फाउंडेशन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने जोर देकर कहा कि मजबूरी में ब्लैक में दवा खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।
दिल्ली के ड्रग कंट्रोलर ने आज दिनांक 03/06/2021 को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के प्रावधानो के अंतर्गत कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान फैबिलफ्लू और ऑक्सीजन की अनाधिकृत तरीके से खरीद फरोख्त करने का अपराध किया है।
दिल्ली के ड्रग कंट्रोलर द्वारा फाइल की गई जांच रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने निर्देश दिया कि फाउंडेशन के साथ-साथ अनाधिकृत बिक्री करने वाले डीलरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
ड्रग कंट्रोलर की ओर से नियुक्त अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता नंदिता राव ने अदालत को यह आश्वासन दिया कि सभी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नंदिता राव ने सुनवाई के दौरान, इस मामले की सुनवाई कर रही डिवीजन बेंच जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह को बताया कि पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने 2000 स्ट्रिप्स डीलर से बगैर वैध लाइसेंस के खरीदे थे। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि ऐसी फर्मों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है और ऐसी फर्म भी बिना लाइसेंस वाली फर्म जैसे गौतम गंभीर फाउंडेशन को दवाई बेचने के लिए अभियोजन के लिए भी उत्तरदायी है। ऐसी फर्मो के खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाना जरूरी है।
हाईकोर्ट ने जोर देकर यह भी कहा कि मजबूरी में ब्लैक में दवा खरीदने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहां की पर्सनल इस्तेमाल के लिए खरीदी गई दवाइयों और ऑक्सीजन सिलेंडर से इस एक्ट के प्रावधानो का उल्लंघन नही होता और यदि खरीद कोविड-19 के उपचार में वास्तविक उपयोग के लिए की गई है, तो ऐसे मामलों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। केवल ऐसे लोगों की जांच की जानी चाहिए, जिन्होंने दवा की आपूर्ति को अवरुद्ध किया या दवा की आपूर्ति में बाधा पहुंचाई।
Elements of a Crime
कोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को निर्देशित किया है कि वह सभी अपराधियों के खिलाफ ( गौतम गंभीर, आम आदमी पार्टी के एमएलए प्रवीण कुमार और प्रीति तोमर ) कार्रवाई कर 6 सप्ताह के भीतर विवरण रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करें।
एडवोकेट नंदिता राव द्वारा अपना पक्ष रखने के बाद, न्यायालय ने यह माना कि,
” गौतम गंभीर ने ड्रग्स और ऑक्सीजन की खरीद सार्वजनिक हित के भाव से की और इसके लिए बहुत सारा पैसा भी खर्च किया। लेकिन किस कीमत पर? इस बात में कोई संदेह नहीं है कि आपने दान किया। लेकिन आपने कमी और असुविधा भी की। शायद इसके लिए और भी तरीके हो सकते थे?”
इसके अलावा, कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि: ” सिर्फ इसलिए कि मैं अपनी लोकप्रियता बढाना चाहता हूं, अगले चुनाव के लिए खुद को तैयार करना चाहता हूं। मदद करने का यह कोई क्राइटेरिया नहीं हो सकता। इसलिए हम चाहते हैं कि आप कार्रवाई करें ताकि यह दूसरों के लिए भी सबक बने।”
गौतम गंभीर पर इस याचिका के माध्यम से यह आरोप लगाया गया कि गौतम गंभीर जैसे नेता ऐसे मुश्किल समय में कोविड-19 दवाओं की जमाखोरी, हस्तांतरण, वितरण कर रहे थे, जब यह सारी चीजें आम जनता के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही थी।
इससे पहले इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि गौतम गंभीर ने अच्छे इरादों के बावजूद भी नुकसान ही किया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को गौतम गंभीर द्वारा फैबीफ्लू और ऑक्सीजन के वितरण की जांच करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई की अंतिम तिथि पर, अदालत ने भारतीय जनता पार्टी से सांसद गौतम गंभीर द्वारा Covid-19 महामारी की दवाओं की खरीद-फरोख्त पर “असंतोषजनक” जांच करने के लिए दिल्ली के ड्रग कंट्रोलर की खिंचाई की थी।
Delhi High Court Had Observed Then :
अगर आपको ऐसा लगता है कि हम इतने भोले-भाले हैं, इतने नादान हैं, तो हम ऐसे नही हैं… बेहतर होगा कि आप अपना काम ठीक से करें। हम आपको निलंबित कर देंगे और किसी और को आपका काम करने देंगे। आपका यह कहना गलत है कि इसकी आपूर्ति कम नहीं थी। आप चाहते हैं कि हम अपनी आंखें बंद कर ले। आपको लगता है कि आप इस से दूर हो जाएंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट राजनीतिक दलों के ऐसे नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो कि जमाखोरी और अवैध रूप से ऐसी दवाओं के वितरण में शामिल थे।
लेखक : मोहित भाटी एडवोकेट
दिनांक : 03/06/2021